अगर आप भी करने जा रहे हैं निवेश, तो जरूर जान लें ये बातें – कौन नहीं चाहता है कि उसके पास रखा हुआ पैसा अपने आप बढ़ता रहे। हालांकि इसके लिए थोड़ा जोखिम जरूर उठाना पड़ता है। फिर चाहे आप शेयर बाजार में पैसा लगाएं या फिर म्यूचुअल फंड के जरिए अपने पैसों को पंख लगाने का काम करेँ।
हालांकि बीते कुछ सालों में म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है और हो भी क्यों न, लोगों को इसमें जमकर मुनाफा भी मिला है। जब तेज रफ्तार से पैसा बढ़ रहा हो, तो हर कोई म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना चाहेगा लेकिन अगर पहली बार यह काम करने जा रहे हैं और अगर आपको म्यूचुअल फंड की ज्यादा जानकारी नहीं है, तो आपको म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले इन बातों को अच्छे से समझ लेना चाहिए।
इन बातों को जानना है जरूरी
म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले इन बातों को जानना बहुत जरूरी है, जानिए क्या हैं वो बातें-
क्यों जरूरी है निवेश
सबसे पहले इस बात का ख्याल जरूर रखना चाहिए कि आप किस लिए निवेश करने जा रहे हैं। फिर चाहे किसी की शिक्षा के लिए हो, मकान बनाने के लिए या फिर रिटायरमेंट के बाद खुद के लिए। इसके अलावा लोग 80सी के तहत टैक्स में छूट के लिए भी निवेश करते हैं, तो आपको इन बातों का ख्याल रखते हुए ही निवेश करना चाहिए।
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जोखिम का ख्याल
निवेश जितनी कम उम्र में शुरू किया जाए, उतना ही अच्छा होता है। ऐसे में अगर आप 25 वर्ष या उससे एक दो वर्ष बाद से निवेश करते हैं, तो आप ज्यादा जोखिम लेने में सक्षम हैं। ज्यादा जोखिम वाले निवेशकों क लिए इक्विटी फंड बेहतर होता है। जबकि ज्यादा उम्र में निवेश करने पर जोखिम कम लिया जा सकता है। इस लिए निवेश करते समय जोखिम के हिसाब से एसेट क्लास चुनने को प्राथमिकता देनी चाहिए।
इमरजेंसी का ख्याल
निवेश करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी एक बार में ज्यादा रकम निवेश न करें और साथ ही अगर आपको निकट भविष्य में एकसाथ बड़ी रकम चाहिए या फिर हर महीने, तिमाही या फिर छमाही अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए रकम चाहिए, तो आप अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड को अपने पोर्टफोलियों में शामिल कर सकते हैं।
पोर्टफोलियो में विविधता
निवेश करते समय आपको पोर्टफोलियो में विविधता रखना भी जरूरी है। इसमें हर तरह की असेट होनी चाहिए। क्योंकि अगर एक फंड में गिरावट होती है, तो हो सकता है कि दूसरे में आपको तेजी देखने को मिले। भारी उतार चढ़ाव में यह विविधता काफी ज्यादा काम आती है।
टोटल एक्सपेंस रेशियो और एग्जिट लोड
अगर आप नए निवेशक हैं तो आपको यह भी पता होना चाहिए कि आप जिस फंड में निवेश करने जा रहे हैं, तो उसका टोटल एक्सपेंस रेशियो और एग्जिट लोड क्या है। दरअसल टोटल एक्सपेंस रेशियो वह फीस होती है, जो म्यूचुअल फंड कंपनियां फंड मैनेजमेंट के लिए निवेशकों से वसूलती हैं। जबकि म्यूचुअल फंड हाउस एग्जिट लोड तब लगाते हैं, जब आप समय से पहले ही अपने इनवेस्टमेंट को भुनाते हैं।
रिटर्न के बारे में जानकारी
किसी भी फंड में निवेश करने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि उसकी मार्केट में पिछले 3 साल या 5 साल में परफॉर्मेंस कैसी है। अगर वह फंड अच्छा रिटर्न देने वाला है, तो ही निवेशकों को उसमें पैसा लगाना चाहिए। हालांकि इस बात की कोई गारंटी नहीं होती है, कि अगर कोई फंड पिछले 3 साल में बढ़िया रिटर्न दे रहा है, तो वह आगे भी ऐसा ही करेगा।
निवेश करने के तरीके
आप दो तरह से निवेश कर सकते हैं-
- अगर आप नए निवेशक हैं, तो आप को एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए निवेश करना चाहिए। इसमें सबसे बडा फायदा ये होता है कि जब बाजार में गिरावट होती है, तो आपके निवेश पर म्यूचुअल फंड की ज्यादा यूनिट मिल जाती हैं। जबकि बाजार में तेजी के समय कम यूनिट मिलती हैं। इसमें आप एकमुश्त या फिर महीने के हिसाब से भी निवेश कर सकते हैं।
- दूसरा तरीका है डायरेक्ट या रेगुलर। डायरेक्ट प्लान के तहत आप सीधे कंपनी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं, जबकि दूसरा तरीका है एडवाइजर या ब्रोकर के जरिए निवेश करना। डायरेक्ट निवेश में आपको फंड हाउस को कम चार्ज देना होता है। जबकि रेगुलर प्लान में एक्सपेंस रेशियो ज्यादा होता है। ऐसे में केवल जानकारों के लिए ही डायरेक्ट प्लान ज्यादा कारगर है।