माइग्रेन : माइग्रेन के कारण, लक्षण व उपचार – माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द होता है। माइग्रेन में सिर के एक हिस्से में तेज़ी से दर्द होता है। यह दर्द सिर के आधे हिस्से को प्रभावित करता है। और कभी-कभी दर्द जब हद से बढ़ जाता है तो पूरे सिर को जकड़ लेता है। और बहुत ही तेजी से दर्द होने लगता है। मानो जैसे सिर पर कोई हथोड़ा मार रहा हो। दर्द की यह स्थिति कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक बनी रहती है। इस दर्द को माइग्रेन, अधकपारी या अर्धशिशी दर्द कहते हैं। इस सिर दर्द में सिर के नीचे की धमनियां बढ़ जाती है मानो कापार फटी ही जाएगा। और दर्द वाले हिस्से में सूजन हो जाती है नशे फुलकर टाइट हो जाते हैं।
माइग्रेन के कारण
यह जीवन शैली तनाव से बेहद ग्रसित है और लोग इसे बदलने का प्रयास भी नहीं करते यही तनाव धीरे-धीरे बढ़ते बढ़ते आने वाली जिंदगी में माइग्रेन का रूप ले लेती है और यह एक बहुत बड़ी बीमारी है जो मस्तिष्क के लिए बेहद हानिकारक है। सामान्य स्थिति से तनाव भरे वातावरण में पहुंचने से माइग्रेन का दर्द बड़ा जाता है और यह है ब्लड प्रेशर लेवल को भी बढ़ा देता है। माइग्रेन बड़ी बीमारी जैसे ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर व अधिक टेंशन के कारण होता है। अधिक सर्दी लगना वह बुखार भी माइग्रेन दर्द का कारण बन जाते हैं।
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आयुर्वेद के मुताबिक हमारे जीवन शैली में खानपान, वातावरण वा अधिक देर तक सोने वा जागने से अधिक देर तक मोबाइल देखने से भी यह दर्द अधिक बढ़ जाता है। माइग्रेन सिर दर्द से पीड़ित एक तिहाई लोगों को आरा के माध्यम से दर्दका पूर्वाभास हो जाता है। और यह संकेत देता है कि शीघ्र ही दर्द होने वाला है। आयुर्वेद में इसे अर्धावभेदक कहां गया है।अर्धावभेदक अधिक बढ़ने पर नेत्र व कर्णेन्द्रियों का नाश कर देता है। अर्धावभेदक की तुलना आधा-सीसी का दर्द से की जा सकती है।
माइग्रेन के लक्षण
आपको शायद पता नहीं है कि माइग्रेन मुख्य दो प्रकार के होते हैं। क्लासिक माइग्रेन की स्थिति में बहुत सारे ऐसे लक्षण होते हैं जो संकेत देते हैं की आपको माइग्रेन का दौरा पड़ने वाला है। जैसे सिर दर्द की शुरुआत से पहले चक्कर आना धुंधला दिखना मितली आना कंधे ज करना आंखों का दर्द होना अधिक समस्याएं दिखती है। क्लासिक माइग्रेन की स्थिति में रक्तवाहिनीया सिकुड़ने लगती है। ऐसी में तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। दूसरा नॉन क्लासिक माइग्रेन मैं समय-समय पर सिर दर्द होता है पर ऐसा कोई लक्षण दिखाई नहीं देत। ऐसे में पेन किलर खाकर दर्द को ठीक किया जाता है या घरेलू उपचार भी किए जाते हैं। जैसे सिर में बाम लगाना बर्फ से सिर को वा आंखों को सेकना और नींबू चीनी का घोल बनाकर पीना या इलेक्ट्रॉन लेना यह सब भी घरेलू उपचार किए जाते हैं जिस से सिर दर्द ठीक हो जाता है।
आमतौर पर माइग्रेन का दर्द कुछ दिनों के अंदर खुद ही ठीक हो जाता है पर गंभीर समस्या होने के कारण डॉक्टर के पास जरूर जाए चिकित्सक परामर्श अवश्य लें। मौसम में बदलाव होने के कारण अधिक ठंडा या गर्म होने पर माइग्रेन की समस्या उत्पन्न होती है। अगर आप गर्मी के मौसम में तेज धूप की दोपहर में बाहर निकल रहे हैं तो कुछ प्रिकॉशंस के लिए मुंह पर कपड़ा बांध ले सनग्लासेस लगाकर छाता लगाएं जितना हो सके धूप से बचें ज्यादा तेज धूप लगने के कारण चक्कर आना उल्टी सा महसूस होने लगता है इसलिए माइग्रेन मरीजों को धूप में नही निकलना चाहिए।
माइग्रेन के उपचार
माइग्रेन की समस्या बार-बार ना हो इससे बचने के लिए अपने जीवन शैली व खानपान के वातावरण में बदलाव करें तनाव ग्रसित जीवन शैली से बचे जितना ज्यादा हो सके अपने आपको बिजी रखें। अगर आपको गर्मी के मौसम में अधिक धूप में निकलना पड़ता है तो यह सबसे बड़ी समस्या बन सकती है माइग्रेन दर्द का कारण। अधिक धूप में यात्रा बिल्कुल नहीं करें। और अधिक ठंड के मौसम में देर रात तक बाहर नहीं घूमे अधिक ठंड लगने के कारण भी माइग्रेन का दर्द शुरू हो जाता है। सुबह रोजाना खुले पार्क में टहलने जाए वा योग करे। योग करने से माइग्रेन की समस्या तो दूर होती ही है अन्य शरीर की समस्याएं भी दूर हो जाती है। शरीर स्वस्थ रहता है शरीर में थकान नहीं रहती शरीर में फुर्ती बनी रहती है।
माइग्रेन की समस्याओं को कम करने के लिए हमें प्रतिदिन 2 से 3 लीटर तक पानी पीना चाहिए। इससे पेट में कोई बीमारी नहीं होती पेट में गैस भी नहीं बनती कभी-कभी पेट में गैस बनने के कारण भी सिरदर्द शुरू हो जाता है। इसलिए हमें 2 से 3 लीटर तक पानी पीना आवश्यक होता है। खाने में हमें ज्यादा अधिक मिर्च वाला खाना और अधिक ताला भुना खाना वा जंक फूड नहीं खाना चाहिए। सबसे अधिक आवश्यक बात कि हमें फास्ट फूड बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए। माइग्रेन दर्द में अधिक चाय, कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए। और हमें भरपूर नींद लेना चाहिए अधिक देर रात तक नहीं जागना चाहिए।
मोबाइल व टीवी नहीं देखना चाहिए। इससे मोबाइल व टीवी की रेडियंस से आंखों पर अधिक प्रभाव पड़ता है। जिससे धीरे-धीरे सिर दर्द माइग्रेन में बदल जाता है और दर्द शुरू हो जाता है। रात के 11:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक भरपूर नींद लेना आवश्यक होता है। इससे माइग्रेन दर्द में बहुत आराम मिलता है। सोते समय अपने फोन व अलार्म को बंद कर दे जिससे कि बीच-बीच में नींद खराब ना हो अचानक आंख खुलने से या कानों में आवाज पढ़ने से नींद टूट जाती है जिससे सिर दर्द शुरू हो जाता है। इसलिए सोते समय अपने फोन को बंद कर दूर रख देना चाहिए।
गंभीर समस्या होने पर डॉक्टर के पास जरूर जाएं। इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको माइग्रेन के कारण माइग्रेन के लक्षण माइग्रेन के उपचार की सही जानकारी प्रदान की है। अधिक जानकारी के लिए चिकित्सा परामर्श अवश्य ले। सबसे महत्वपूर्ण जानकारी माइग्रेन ग्रसित पीड़ितों को मेडिटेशन योग अवश्य करना चाहिए इससे दिमागी तनाव दूर रहते हैं मन शांत रहता है।